Generation Gapes
1. मिलावट
'' एक वो दौर था जब हमारे पास खाने के लिए शुद्ध भोजन, पीने के लिए स्वच्छ पानी और सांस लेने के लिए ताज़ी हवा थी । और ये आज का दौर हैं जहाँ खाने-पीने का ही नही बल्कि हर एक सामग्री मिलावटी व प्रदूषित हैं। महाभारत काल में दूध, दही व माखन को अमृत माना जाता था। और ये आज का युग हैं अब लोग दूध, दही सभी में मिलावट कर रहे हैं । बाज़ार में मिलने वाला ऐसा कोई समान नही बचा जिसमे मिलावट न हो । लोग थोड़े से मुनाफे के लिए पूरे इंसानियत को मिटाने में तुले हुए हैं। अब तो यहां ज़हर में भी मिलावट करते है लोग मरने के लिए भी कन्फुज़न में होता है इसलिए मरने के लिए भी लोग अलग-अलग नुस्खे आजमाते है ।
लोग समझते हैं जो भी वो आज कमा रहे हैं वो हमेशा उनके साथ रहेगा परन्तु ऐसा नही है, जो कमाए हो वो कभी न कभी खर्च होगा, जो बनाये हो वो एक दिन बिगड़ेगा । उन्हे ये भी लगता है आज जो उनके पास है मरने के बाद उनके साथ जायेगा । अगर आप खुद के लिए जीते हो तो आप कितना ही क्यो ना कमालो आपको कभी संतुष्टी नही मिलेगी । कभी भी वो खुशी नही मिलेगी जिसके तुम्हे तलाश है । यदि तुम्हे असली खुशी, संतोष चाहिए तो दूसरो के लिए जिओं ।
लोगो को लगता है इस घोर कलयुग में कौन किसका अपना है पर वो नही जानते नफरत को प्यार से काटा जा सकता है। उन्हे सिर्फ अपने परिवार से मतलब रहता है, वो कभी दुसरो को अपना मानते ही नही और उम्मीद रखते है दूसरे उन्हे अपना माने, ऐसे में जनमानस कभी एक नही हो सकता । लोग पुरा देश को अगर अपना परिवार मान ले तो राष्ट्रीय एकता व मित्रता संपन्न होगा ।मै जानता हूँ उन्हे लगता है कि उन्हे पहले करने दो फिर मै करूंगा, ऐसा विचार रखोगे तो कोई आगे नही आएगा।पहला कदम तुम्हे हि बढ़ाना होगा। एक महामानव ने कहा है - अच्छे काम को करने के लिए हमेशा आगे रहना चाहिए ।
3. विश्वास
विश्वास सुनने में बहुत छोटा शब्द है पर इसका मतलब को समझने में सदिया बित जाता है। राम युग में लोगो में भरोसा (विश्वास) बहुत ज्यादा करते थे ।लोग घरों में ताला तो दूर की बात दरवाज़ा भी नही रखते थे । लेकिन आज घर में कुछ भी नही है फिर भी दरवाजे में ताला उसके ऊपर और ताला । लोग विश्वास से ज्यादा शक करते हैं । ऐसे में एक दुसरे से वैचारिक सम्बन्ध नही बना पाते ।
विश्वास एक तरफा नही होना चाहिए बल्कि एक दुसरे पर बनाये रखना चाहिए, क्योंकि इसे कमाना पड़ता है ।खुद पर विश्वास करना भी जरूरी है, इसे जीतना आसान है पर बनाये रखना बहुत कठिन है।
इस युग में किसी पर भी यु विश्वास करना बहुत मुश्किल है। लोग कब साथ छोड़ दे किसी को नही पता ।
लोगो को देखकर वैसा ही लगता है जैसे कौआ और कोयल को देखने पर लगता है, बिना बोले समझना मुश्किल है। इस दौर में मुझे विश्वास शब्द पर से विश्वास ही उठ गया है ।
Trying it to first time
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